ख़ुदा अपने बन्दे को ऐसा हुनर दे

ग़ज़ल:--- मुझपे करम मौला ऐसा तू कर दे। हरिक दर झुके जो मुझे ऐसा सर दे।। मिलाता रहूं बस दिलों से दिलों को। मेरे दिल में ऐसा ही जज़्बा तू…

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