चलो आये प्यार करते है
मेरी प्रियतमा, अभिवादन, लगभग एक साल बाद तुम्हे पत्र के माध्यम से अपने भावनाओं को तुम्हारे सामने रख रहा हूँ। यह तब लिख रहा हूं जब मै अपने आत्ममंथन के…
मेरी प्रियतमा, अभिवादन, लगभग एक साल बाद तुम्हे पत्र के माध्यम से अपने भावनाओं को तुम्हारे सामने रख रहा हूँ। यह तब लिख रहा हूं जब मै अपने आत्ममंथन के…
सावन का महीना हो और गांव न जाया जाए तो मेरे लिए बड़ा विचित्र बात होगी। चंद घण्टो पहले गांव की मिट्टी को माथे से लगा के आया हूँ।हाँ उसी…
ट्रेन में हूँ , गया केलिए।आनन - फानन में टिकेट कइसहुँ धक्का - मुक्की करके कटा लिए हैं।किसी तरह शीट मिल गयी है।आम तौर पर भारतीय रेल के पैसेंजर ट्रेनों…
आदरणीय "आप" महाराज नमस्ते। आप 4 वर्ष के हो गए हैं। और अब सनै सनै पूर्ण राजनीतिक होने की ओर अग्रसर हो रहे हैं। महाराज जब आपकी जन्म हुई थी…