जातिगत आरक्षण: एक सामाजिक बुराई

आज कल हमारे समाज में आरक्षण एक लाइलाज बीमारी बनी हुई है, जिसका कोई इलाज नही है। हम आज तक आरक्षण के बारिकियों को अच्छी तरह नही समझ पायें हैं।…

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आखिर क्यों ? आखिर कौन ? और आखिर कब तक?

हर दिन की तरह आज का दिन भी काफी खुशनुमा था। ठंडक भरी सुबह में शायद आज ज्यादा ताजगी थी। आज शनिवार था अतः हमेशा की तरह नित्यकार्यो ने निवृत…

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भ्रष्टाचार: पाप या प्यार

जल्दी-जल्दी मै स्टेशन पंहुचा और शुकून की साँस लेने के बाद घड़ी की तरफ नजर दौड़ायी, जो मेरी जीत और ट्रेन की हार की तरफ इशारा कर रही थी .…

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समाज के लिए या समाज से

बहुत दिनो बाद मुझे ग़ाव जाने का मौका मिला, सुबह-सुबह उठा गाड़ी निकाली और निकल पड़ा. मेरा ग़ाव शहर से 65 km की दुरी पर है. मैंने खुद ही ड्राइव…

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