गजल हिन्दी मे | फिर से तुझे पाने की दुआ कर रहा हूँ

ग़ज़ल लिख रहा हूँ दुआ कर रहा हूँ !! बहुत दर्द में हूँ ......दवा कर रहा हूँ !! मेरे ज़ख्म फिर सूखने लग गए थे, तुझे याद कर के नया…

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जब मुहब्बत करो तो बेहद हो

इश्क़ में फ़ासला नहीं रखते, खुद से तुम को जुदा नहीं रखते. एक सूरज रखा है पास अपने, साथ अपने दिया नहीं रखते. हैं खुलेआम बेवफ़ाई पर, पर्दा भी बेहया…

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हसीं हम ने बहुत देखे कोई तुम सा नहीं देखा

कभी ऐसा नहीं देखा कभी वैसा नहीं देखा, अभी तक मेरी नज़रों ने तेरे जैसा नहीं देखा, यहाँ दिल्ली में मुम्बई में वहाँ लन्दन में पैरिस में, हसीं हम ने…

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प्यार सच्चा हो तो क्यूँ मिलता नहीं है

"यक़ीनन वो पढ़ा-लिक्खा नहीं है जो चेहरा आपका पढ़ता नहीं है हज़ारों ख़ूबसूरत हैं जहाँ में कोई भी आपके जैसा नहीं है न जाने कितने ग़म सहता है इंसाँ कोई…

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अब क्यों वापस बुला रहे हो तुम??

रात में मुस्कुरा रहे हो तुम चाँद को क्यूँ चिढ़ा रहे हो तुम?? फूटकर रो पड़ा जो बादल भी कौनसा गीत गा रहे हो तुम?? मुझको अपना बता के दुनिया…

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