मोटिवेशन के मायने

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ताकत और क्षमता जीतने से नहीं आती। आपका सघर्ष ही क्षमताओं को बढाता है। जब आप मुश्किल दोर से गुजरते हैं और तय कर लेते हैं कि हार नहीं मानेगे, इसे ही ताकत कहा जात्ता है। मुश्किल कामों को पूरा करने के लिए लगातार मोटिवेटेड रहना जरूरी है । इन वाकयों मे बाधाएं ज्यादा आती है और असफलताएं भी बार बार मिलती है। ऐसी स्थिति में सकारात्मक बने रहने में आपके आसपास के वे लोग मददगार हो सकते हैं जो आपके शुभचिंतक हों और हमेशा पॉजिटिव सोचते हों। किसी भी समस्या के समाधान और लगातार मोटिवेटेड बने रहने का सबसे अच्छा तरीका है बात करना। ऐसे पॉजिटिव लोगों से अपनी बातों को शेयर करना और उनकी बातों को सुनना। अपने बास, मैनेजर, मेंटर से जितने ज्यादा सवाल करेंगे उतना ही हल्का महसूस करेगे और सफ़लता का रास्ता भी मिलेगा। ये आपकी क्षमताओं और ताकत को भी बढाएंगे।

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इसलिए सबाल पूछने में ज्यादा देर नही करना चाहिए। जितने प्रश्न करेगे उत्तना खुद भी सोचेगे और साथियों को सोचने का मौका मिलेगा और सम्भावित समस्या का समाधान होगा। मोटिवेटेड बने रहने में आपकी हाबी मददगार हो सकती है। इसके लिए रोज कुछ समय निकालना ज़रूरी है । क्योकि हॉबी आपको काम करने की ऊर्जा देती है । जब लक्ष्य द्वार बहुत दूर नजर आए तब निराश होने की जरूरत नहीं है। बडे काम करते हुए छोटी सफ़लता मिले तो बहुत बड़ी बात होती है।

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अति उत्साहित होने की भी जरूरत नही होती क्योंकि सफलता समय लेती है। बाधाएं और असफलताएं इसका हिस्सा हैँ। असफल होने से घबराने की जरूरत नहीं। क्योंकि असफलताएं हिस्सा होती हैं उस सफर का जो आपने सफल होने के लिए शुरू किया है। लोग आपको बुरा फील करवाने की कोशिश करेंगे। लोग आपको आपकी कमियां बताने की कोशिश करेंगे। वो आपको बताने की कोशिश करेंगे कि आप यह काम क्यों नहीं कर सकते। पर चाहे आपको उस काम को शुरू करने का कोई तरीका भी न आता हो। अगर आप मोटिवेटेड हैं, अगर आप जानते हैं कि आप यह काम कर सकते हैं तो बात मानिये आप कर सकते हैं और इसके लिए आपको किसी और को नहीं बल्कि अपने आप को सुनने की जरुरत है।

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