You are currently viewing नोट बैन के खलबली और सेकुलर लोग (- कहे तो मोदी विरोध) पर टुच्चा लेख। (थोड़ी लम्बी है, पर पढ़िए)

नोट बैन के खलबली और सेकुलर लोग (- कहे तो मोदी विरोध) पर टुच्चा लेख। (थोड़ी लम्बी है, पर पढ़िए)

हालाकि ये सच है कि मैंने 2014 के जेनरल इलक्शन में मोदी जी का बड़ा समर्थक था लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि मैं मोदी भक्त हूँ, और मैं मोदी सरकार के कई निर्णयो की जबरदस्त आलोचना भी कर चुका हूँ किन्तु ये कटु सत्य है कि वामपंथी, विपक्षी और सेकुलर मिडिया और इंटलेकचुयल लोग आप सभी पक्का मोदी भक्त है, :- एक गरीब चरवाहा था, रोज जानवर लेके नदी किनारे जाता, जितनी देर जानवर घाँस चरते उतनी देर एक पत्थर पर बैठ के अपनी दिन-हिन् पे आंसू बहाता और सैदेव ईश्वर से नाराज हो के अपनी किस्मत को कोसता, ये उसकी दिन चर्चा थी, एक दिन उसके गाँव से सारे लोग तीर्थ चले गए, वो अभाव में नहीं जा सका अतः वो जानवर लेके पुनः अपने काम के लिए निकल लिया, नदी किनारे आज पहुँच तो गया लेकिन मन बहुत दुखी था, और भगवान् के प्रति नफरत हिलोरे मार रही थी, थके-हारे चरवाहा आज पत्थर पे बैठने के बजाए वो वंही पर गमछा बिछा के सो गया, कुछ देर बाद नींद खुली तो उसने देखा की मैं जिस पत्थर पे रोज बैठता हूँ, दरसल ये तो शिव लिंग है……!! चरवाहा का क्रोध सातवे आसमान पे था, उसने सोचा आज जो मेरी हालत है इसके जिम्मेदार ये शिव जी ही है अतः आज मैं अपना हिसाब लेके रहूँगा…..उसने अपनी लाठी उठाई और दे दनादन शिव लिंग की पिटाई कर दी…..अब उसे शान्ति मिल रही थी यू कहे तो अब वो फर्सट्रेसन से उबर चूका था….,

घर गया, उसे सब कुछ अच्छा लग रहा था, दूसरे दिन आया फिर उसने शिवलिंग की जबरदस्त पिटाई की, फिर शान्ति महसूस हो रही थी,….इस तरह से शिवलिंग की पिटाई उसकी दिन चर्चा बन गई, रोज आता और जब तक थकता नहीं तब तक शिवलिंग की पिटाई करता, एक दिन बरसात के वजह से जानवर को घर से निकाला ही नहीं अतः चरवाहा नदी किनारे जा ही नहीं सका, आज उसका मन बड़ा बिचलित था, खोया-खोया हुआ लग रहा था, कुछ भी करे मन ही न लगे…..उसे लगा की ऐसी हालत के लिए भगवान् ही जिम्मेदार है जो इतनी वारिश हो रही है, चलो कोई बात नहीं मैं अकेले ही नदी किनारे जाता हूँ, और शिवलिंग को दस लाठी ज्यादा मारूँगा….चरवाहा मूसलाधार बारिश में भींगते हुए शिवलिंग की पिटाई चालु कर दी, अचानक शिव जी प्रकट हुए बोले वत्स तुम्हारी आराधना सम्पन हुई, चरवाहा बोला ऐसा कैसे हो सकता है मैंने तो कोई आराधना की ही नहीं, तो सम्पन्न कैसे हुआ, शिवजी बोले बालक तुम एक कर्मयोध्दा, तूने अपनी पूरी श्रद्धा से कर्मयोग किया…..इंसान मेरे प्रति अपनी श्रद्धा-पूजा सिर्फ अपनी लालच वश रखते है….और भक्ति का मार्ग सिर्फ समर्थन से नहीं होता अतः विरोध अगर पूरी श्रध्दा के साथ नित्यकर्म मान के किया जाए तो सच्ची भक्ति वो है, अतः तुम भविष्य में दुनिया को कर्मयोग की शिक्षा – दीक्षा दोगे और खूब नाम, प्रसिध्दि और यश कमाओगे , आगे चल चरवाहा विश्व प्रसिद्द कर्मयोद्धा बना। अतः हम मानते है कि वामपंथी, विपक्ष और सेकुलर से बड़ा मोदी भक्त इस इस संसार में कोई नहीं है।

Leave a Reply