अब क्यों वापस बुला रहे हो तुम??

रात में मुस्कुरा रहे हो तुम चाँद को क्यूँ चिढ़ा रहे हो तुम?? फूटकर रो पड़ा जो बादल भी कौनसा गीत गा रहे हो तुम?? मुझको अपना बता के दुनिया…

Continue Readingअब क्यों वापस बुला रहे हो तुम??

ग़म को दिल में बसा लिया हमने

☆☆☆☆गजल☆☆☆ ग़म को दिल में बसा लिया हमने। ग़म को अपना बना लिया हमने।। जब दियों को बुझाने वो निकले। खुद को सूरज बना लिया हमने।। बेच कर कह रहा…

Continue Readingग़म को दिल में बसा लिया हमने

उस नशीली रात में

उनकी आँखों में नूर देखा था हल्का हल्का सुरूर देखा था उस नशीली रात में मैने एक हसीं कोहेनूर देखा था भर लूं आगोश में उन्हें ऐसा ख़ाब मैने ज़रूर…

Continue Readingउस नशीली रात में

End of content

No more pages to load